Harshaneeyam Podcast
जंगलो के विनाश और जंगल पर आश्रित समुदाय की अत्यन्त पीड़ा को शब्दों में पिरोकर श्री विभूति भूषण बंदोपाध्याय ने 1930 के दशक में “अरण्यक” नाम से बंगाली उपन्यास लिखा। जो कि आगे चलकर अत्यधिक प्रचलित हुआ और इसका अनुवाद कई भारतीय और विदेशी भाषाओं में किया गया।
इस उपन्यास की प्रेरणा से ओत प्रोत होकर, हर्षनियम नाम की एक पॉडकास्टिंग साइट ने “अरण्यक” के तेलुगु अनुवाद “वनवासी” का ऑडियो के रूप में पॉडकास्ट कर रही है। यह तेलुगु अनुवाद स्वर्गीय श्री सूरमपुड़ी सीताराम द्वारा किया गया है।
इसके अलावा हरसनियम, देश के विभिन्न हिस्सों से पर्यावरणविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा सामाजिक वैज्ञानिकों का साक्षातकार भी पॉडकास्ट करती है, जो आजीवन आदिवासी हितों और पर्यावरण की संरक्षण के लिए कार्यरत हैं।
Written in 1930’s, ‘Aranyak’ is a highly popular Bengali Novel, which is translated into many Indian and Foreign Languages. It is written by Sri. Bibhuti Bhushan Bandopadhyaya and is about the destruction of forests and about the suffering of people who are dependent on Forests.
‘Harshaneeyam’ is a podcasting site which is podcasting the novel in audio form in Telugu as ‘Vanavasi’, which is translated by late Sri. Soorampudi Sitharam.
Apart from this, There will be interviews from Conservationists, Scientists and activists who are working for the environment and the rights of Indigenous people from different parts of the country.
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