प्राकृतिक संसधनों के दोहन के खिलाफ 3 दिवसीय पदयात्रा की हुई शुरुआत, कोल प्रभावित इलाकों के हजारों मजदूर-किसान हुए शामिल

TRP The Rural Press | Feb 21, 2023

रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में तमनार विकास खंड के ग्राम पंचायत पेलमा से “जल-जंगल-जमीन” बचाने को लेकर तीन दिवसीय पदयात्रा की आज शुरूआत हुई। इस पदयात्रा में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण हिस्सा ले रहे हैं। कोयला सत्याग्रह के नाम पर देशभर में मशहूर हो चुके ग्राम पेलमा में पदयात्रा की शुरुआत के मौके पर ग्रामीणों ने संविधान के उद्देश्य का पठन किया।

विस्थापन और पर्यावरण प्रदूषण की विभीषिका
रायगढ़ जिले के कोयला प्रभावित इलाकों में शुरू हुई इस पदयात्रा में ग्रामीणों के स्वःस्फूर्त शामिल होने की प्रमुख वजह यहां आदिवासियों के प्रकृतिक संसाधन जल जंगल और जमीन के विदोहन को माना जा रहा है, जिसकी वजह से इलाके के जंगल ख़त्म होते जा रहे हैं। रायगढ़ जिले के तमनार, घरघोड़ा और धरमजयगढ इलाके में एसईसीएल, हिंडालको, अडानी, जिंदल कंपनी द्वारा बेतहाशा कोयला खनन के साथ ही पावर प्लांटों का संचालन किया जा रहा है। इससे पूरे इलाके में प्रदूषण फैल रहा है और जर्जर सड़कों के चलते हादसे भी हो रहे हैं।

पूरे नहीं किये वायदे
इस पदयात्रा के संयोजक बताते हैं कि जिले में पेसा कानून का जमकर उल्लंघन हो रहा है। बिना ग्रामसभा के ग्रामीणों की जमीन ली जा रही है। वन संसाधन, जल जंगल जमीन पर कब्जा, रात-दिन नए उद्योगों, बांधो और खदानों के खुलने की वजह से लोग विस्थापन के लिए मजबूर हैं।

लगभग ढाई दशक पूर्व जब यहां पर कोयला खदान और पॉवर प्लांट की शुरुआत की गई तब कंपनियों और सरकार द्वारा वडा किया गया था कि लोगों को रोजगार के अलावा अच्छी सड़क और तमाम सुवधाएं दी जाएँगी मगर आज यहां की जर्जर सड़कों के चलते होने वाले हादसों में लोगों की मौत हो रही है, वहीं पर्यावरण बुरी तरह प्रदूषित हो रहा है और जलवायु पर असर के चलते जैव विविधता भी ख़त्म होती जा रही है। इसके अलावा युवाओं और महिलाओं में बढ़ती बेरोज़गारी बढ़ रही है। इसीके खिलाफ ग्राम पंचायत पेलमा से तीन दिवसीय पदयात्रा की शुरुआत आज से हुई है।

जिला मुख्यालय में होगा पदयात्रा का समापन
इस पदयात्रा में शामिल हजारों ग्रामीण सारा रसद अपने साथ लेकर जा रहे हैं। इसमें इलाके के लगभग 3 दर्जन गावों के लोग शामिल हो रहे हैं, जो 23 दिसंबर को रायगढ़ जिला मुख्यालय पहुंचेंगे और राज्यपाल, राष्ट्रपति और मुख्य न्यायाधीश के नाम का ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपेंगे।