झारखंडः पावर प्लांट अडानी का, ज़मीन से बेदखल हुए आदिवासी, ठेका चीन की कंपनी को, और बिजली दी जाएगी बंग्लादेश को

भारत के एक राज्य में एक निजी कम्पनी पावर प्लांट लगा रही है जिस क्षेत्र में वह पावर प्लांट लग रहा है वह क्षेत्र भारत मे सबसे कम बिजली उपलब्धता वाला क्षेत्र है लेकिन उस पावर प्लांट से निकलने वाली सारी बिजली में उस क्षेत्र का हिस्सा छोड़िए राज्य का भी कोई हिस्सा नही है। वह बिजली विदेश भेजी जा रही है जिस कम्पनी को उस पावर प्लांट बनाने का ठेका दिया गया है वह पूर्ण रूप से विदेशी ( चीनी ) कम्पनी है, जो कोयला उस पावर प्लांट में इस्तेमाल किया जाने वाला है वो भी भारत का नही है वह भी ऑस्ट्रेलिया से मंगाए जाने की योजना है, जबकि जिस जिले में वह पॉवर प्लांट लग रहा है वहाँ आधुनिक भारत की सबसे पुरानी कोयला खदान मौजूद हैं ओर वह राज्य देश का सबसे ज्यादा कोयला उत्पादन करने वाला राज्य है।

लेकिन कुछ लोगो के लिए यह बहुत खुशी की बात है कि इस प्लांट लगाने के नाम वहां बसे आदिवासियो को भगाया जा रहा है स्थानीय नदी से भारी मात्रा में पानी लिया जा रहा कोयला ढुलाई के नाम पर रेलवे लाइन बिछाने के लिए किसानों की जमीनों को छीना जा रहा है। अब आप शायद समझ गए होंगे कि यहाँ झारखंड के गोड्डा जिले में लगाए जा रहे अडानी के पावर प्लांट की बात हो रही है जिसकी बिजली बांग्लादेश को बेची जा रही है 1,600 मेगावाट के इस पावर प्लांट के निर्माण का ठेका अडानी ने चीन की कंपनी सेप्को-थ्री को दिया है। Read more

Courtesy: National Speak